
देवों की भूमि "उत्तराखण्ड"
"भारत"के सिर का ताज
गंगोत्री ,यमनोत्री,बद्रीनाथ,केदारनाथ
आदि तीर्थस्थलों का यहीं पर वास
पतित ,पावनी निर्मल ,अमिय माँ
गँगा का उद्गम गंगोत्री .. से
हरी की पौड़ी ,हरिद्वार के घाटों में बहती
अविरल गँगा जल की धारा
जन-जन पवित्र करता है अपना
तन-मन ।
भारत को सदा-सर्वदा रहा है
जिस भूमि पर नाज़, वहीं उत्तराखण्ड
पर बन रक्षा प्रहरी खड़ा है विशालकाय
पर्वत हिमालय .....
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श्रीमती रितु आसूजा जी सन 2013 से ब्लॉग लिख रहीं है और तब से लेकर अब तक प्रेरक और समाजिक लेखन के जरिए ब्लॉग जगत में अपनी अलग पहचान बनाए हुए है। उनसे ई-मेल ritu.asooja1@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है। रितु जी काे फेसबुक पर फालों करने के लिए यहां क्लिक करें।
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