प्रभु तुम कब अवतार लोगे .?
प्रभु तुम कब अवतार लोगे .?
धरा के बोझ को कब तार दोगे
धुन्ध ये बहुत विकट हैं
छल कपट चारो तरफ हैं
असत्य सत्य पर बहुत हैं भारी
कहाँ बैठे हो त्रिपुरारी
क्या ये तुमने नही कहा था
हमने तो यही सुना था
जब होगा अपराध निर्मम
“तदात्मानं सृजाम्यहम्”
हे नाथ तुम कब ये चरितार्थ करोगे
प्रभु तुम कब अवतार लोगे…..
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पेशे से इंजीनियर जफ़र जी 2014 से ब्लॉग लिख रहे है। मूल रूप से उत्तराखंड के हलद्वानी जिले के रहने वाले जफ़र कहते है कि मै अपनी भावनाओं को कविताओं के रूप में कहता हूं। कविताएं, गज़ल और नज़में लिखना आपका Passion है।
Nice Poem
Welcome